वट सावित्री कि पूजा क्यों कि जाति है। क्या है इसके लाभ, कभी भी धन की कमी नहीं होगी?
वट सावित्री पर्व भारत में हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह पर्व विशेष रूप से नारी शक्ति, पतिव्रता और स्त्री-पुरुष संबंधों की महत्ता को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों और परंपराओं में मनाया जाता है, जैसे वत सावित्री व्रत, गंगौर व्रत, करादई, गौरी व्रत, व्रती पुनी, जींजर, गौरि तीज आदि।
यह पर्व वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार मई-जून के बीच आती है। महिलाएं इस दिन सविता देवी की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य पति की लंबी आयु और उनकी खुशी के लिए व्रत रखना होता है।
महिलाएं सविता देवी की मूर्ति या पिपल वृक्ष को सजाकर पूजा करती हैं। व्रत के दौरान महिलाएं पान, फल, सूप, नारियल आ
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें